दूर से देखिए तो लगता है आसान, लगता ये प्यार कितना है आसान। दूर से देखिए तो लगता है आसान, लगता ये प्यार कितना है आसान।
जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है। जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है।
बस अब आकाश की नयी ऊँचाईयाँ छूते जाना है। बस अब आकाश की नयी ऊँचाईयाँ छूते जाना है।
सपनों की डोली में, तब हर ख्वाब संजने लगते हैं। सपनों की डोली में, तब हर ख्वाब संजने लगते हैं।
तकलीफ़ वो अपनी बताने के पहले ही सबकुछ समझकर हल कर देता सही तकलीफ़ वो अपनी बताने के पहले ही सबकुछ समझकर हल कर देता सही
रंगो की रंगत अब होने लगी है कुछ फीकी क्यों ना होली पे फिर हुड़दंग मचाया जाए। रंगो की रंगत अब होने लगी है कुछ फीकी क्यों ना होली पे फिर हुड़दंग मचाया जाए।